Tuesday, June 28, 2022

हार तो मानवता की ही होगी।


क्या रूस यह 
समझ रहा है कि यूक्रेन  के 
कुछ शहरों पर अधिकार होने से 
वह विश्व विजयी बन जाएगा ?

क्या रूस यह 
समझ रहा है कि यूक्रेन में 
जनसंहार से शांति का लक्ष्य
प्राप्त हो जाएगा ?

रूस के शासक का 
यह जुनून, उन्माद आज 
मानवता के लिए बहुत बड़ा 
खतरा बन गया है।

यूक्रेन में चारों तरफ 
चीख-पुकार मची हुई है 
दिन-रात रूसी मिसाइलों से 
रॉकेट दागे जा रहें हैं। 

गोलो की बमबारी में 
ज़िंदा लाशें जल रही है 
लाखों लोग बेघर हो गये 
सैंकड़ों बच्चे मर गये हैं। 

हर तरफ विध्वंस 
का मंजर दिख रहा है 
जलती इमारते, घरों में 
सिसकियां, आँखों में डर है। 

शहर पूरी तरह से 
वीरान और खंडहर हो रहें हैं 
सड़कों पर सायरन और  
हवा में बारूद की गंध है। 

देखा जाय तो 
युद्ध किसी समस्या का 
समाधान नहीं है। 

वार्ता की मेज पर 
बैठ कर हर समस्या का 
समाधान निकाला जा सकता है। 

इस युद्ध का भी 
एक दिन अन्त जरूर होगा 
जीत चाहे किसी की भी हो 
हार तो मानवता की ही होगी। 







 




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