Saturday, May 13, 2023

तुम एक बार आ जाओ ना

पपीहा बोले वर्षा ऋतु आई 
यादें तुम्हारी घटा बन छाई 
तुम मेघा बन कर मुझ पर 
रिमझिम प्यार लुटा दो ना 
तुम एक बार आ जाओ ना। 

बिना तुम्हारे रह न सकूंगा 
प्रीति रस में बह न सकूंगा 
तुम चूनर ओढ़ सितारों की 
शुभ चूड़ियां खनका दो ना 
तुम एक बार आ जाओ ना। 

मैं तड़पूँ ज्यों धन में बिजुरी 
या जैसे हो जल बिन मछरी 
तुम अपने तन की खुशबू से 
मेरा  तन-मन महका दो ना
तुम एक बार आ जाओ ना। 

जीवन को पतझड़ ने घेरा 
गम का बढ़ने लगा अँधेरा 
तुम मेरे सुने मन मन्दिर में  
कोई सुन्दर राग छेड़ दो ना 
तुम एक बार आ जाओ ना। 








Friday, May 12, 2023

खुद ही बनना है खैवया

जीवन के इस रंगमंच पर 
मिलना और बिछुड़ना है,
         अपना अभिनय पूरा कर  
          वापिस सब को जाना है।

खाली  हाथ सभी आये हैं  
खाली  हाथ चले जाना  है,
       दुनियाँ  केवल रैन बसेरा 
        झूठा मन ही भरमाना है। 

सूरत गोरी हो या काली 
राख  सभी  को होना है, 
         जीवन के इस सफर में 
         मौत मुसाफिर खाना है।  

दुःख-सुख जीवन के साथी 
जीवन में संग-संग चलते हैं, 
       जन्म मृत्यु का खेल है सारा 
        आवागमन  यहाँ रहता  है।  

कोई नहीं  यहाँ  मेरा तेरा 
कोई नहीं  यहाँ  रह पाया, 
        अपने जीवन की नैया का 
          खुद ही बनना है खैवया।