Saturday, May 13, 2023

तुम एक बार आ जाओ ना

पपीहा बोले वर्षा ऋतु आई 
यादें तुम्हारी घटा बन छाई 
तुम मेघा बन कर मुझ पर 
रिमझिम प्यार लुटा दो ना 
तुम एक बार आ जाओ ना। 

बिना तुम्हारे रह न सकूंगा 
प्रीति रस में बह न सकूंगा 
तुम चूनर ओढ़ सितारों की 
शुभ चूड़ियां खनका दो ना 
तुम एक बार आ जाओ ना। 

मैं तड़पूँ ज्यों धन में बिजुरी 
या जैसे हो जल बिन मछरी 
तुम अपने तन की खुशबू से 
मेरा  तन-मन महका दो ना
तुम एक बार आ जाओ ना। 

जीवन को पतझड़ ने घेरा 
गम का बढ़ने लगा अँधेरा 
तुम मेरे सुने मन मन्दिर में  
कोई सुन्दर राग छेड़ दो ना 
तुम एक बार आ जाओ ना। 








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