जीवन के इस रंगमंच पर
मिलना और बिछुड़ना है,
अपना अभिनय पूरा कर
वापिस सब को जाना है।
मिलना और बिछुड़ना है,
अपना अभिनय पूरा कर
वापिस सब को जाना है।
खाली हाथ सभी आये हैं
खाली हाथ चले जाना है,
दुनियाँ केवल रैन बसेरा
झूठा मन ही भरमाना है।
सूरत गोरी हो या काली
राख सभी को होना है,
जीवन के इस सफर में
मौत मुसाफिर खाना है।
दुःख-सुख जीवन के साथी
जीवन में संग-संग चलते हैं,
जन्म मृत्यु का खेल है सारा
आवागमन यहाँ रहता है।
कोई नहीं यहाँ मेरा तेरा
कोई नहीं यहाँ रह पाया,
अपने जीवन की नैया का
खुद ही बनना है खैवया।
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