Saturday, August 10, 2024

यह वक्त है

यह वक्त है 
खुली आँखों से 
वक्त को देखने का 
यह स्वीकार करने का 
कि 
हमने हमारी बातों 
और 
कामों को मनवाने में 
व्यर्थ ही समय गंवाया 

यदि अभी भी 
और जानना हो 
जाओ 
और 
पूछों बांग्ला देश में 
हिन्दुओं से 
कि 
उनका क्या अंजाम हुआ 
जुल्म किया है 
शैतानों ने 

क्या भूल गए 
कश्मीर को 
घाव अभी भरा नहीं है 

हमारा जनबल है अभी 
लेकिन 
हमने मजबूती से नहीं पकड़ा है 
एक-दूजे का हाथ 
एक अच्छे दिन की तरफ 
जाने के लिए 

यह गीत 
सुना जाना चाहिए 
आँखों में एक सपना 
अब 
ज्वाला बनना चाहिए। 




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