यह वक्त है
खुली आँखों से
वक्त को देखने का
यह स्वीकार करने का
कि
हमने हमारी बातों
और
कामों को मनवाने में
व्यर्थ ही समय गंवाया
यदि अभी भी
और जानना हो
जाओ
और
पूछों बांग्ला देश में
हिन्दुओं से
कि
उनका क्या अंजाम हुआ
जुल्म किया है
शैतानों ने
क्या भूल गए
कश्मीर को
घाव अभी भरा नहीं है
हमारा जनबल है अभी
लेकिन
हमने मजबूती से नहीं पकड़ा है
एक-दूजे का हाथ
एक अच्छे दिन की तरफ
जाने के लिए
यह गीत
सुना जाना चाहिए
आँखों में एक सपना
अब
ज्वाला बनना चाहिए।
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