Friday, October 18, 2024

एक नशा

मैंने सोचा था तुम्हारे 
रिटायरमेंट के बाद 
हम दोनों घर में 
चैन से बैठ कर 
करेंगे ढेर सारी बातें। 

मन की, तन की 
प्यार की, तकरार की 
बहारों की, सितारों की 
बादलों की, मौसम की 
रौशनी की, चांदनी की। 

मगर शराबी को 
जब तलक मयखाने के  
जामों के टकराने की 
खनक सुनाई नहीं देती 
तब तलक उसे 
चैन नहीं मिलता। 

ठीक उसी तरह
तुम को भी जब तलक 
मील की मशीनों की 
आवाज सुनाई नहीं देती 
तुम्हें भी चैन नहीं मिलता। 

Wednesday, October 2, 2024

बिना हमसफ़र जीवन

बिना हमसफ़र जीवन, सूना- सूना लगता है 
जीने का नाटक भी, कितना झूठा लगता है। 

जीवन है तो सहना और रहना भी पड़ता है 
बिन हमराही तन्हाई को, सहना भी पड़ता है। 

याद आते हैं वो लम्हे, जो साथ-साथ गुजरे थे 
उन लम्हों में जाने कितने, इंद्रधनुष उभरे थे।  

अगर तुम आओ, तो लगाऊं बाहों का बंधन 
झूम उठे तन-मन मेरा, और सांस बने चंदन।