मैंने सोचा था तुम्हारे
रिटायरमेंट के बाद
हम दोनों घर में
चैन से बैठ कर
करेंगे ढेर सारी बातें।
मन की, तन की
प्यार की, तकरार की
बहारों की, सितारों की
बादलों की, मौसम की
रौशनी की, चांदनी की।
मगर शराबी को
जब तलक मयखाने के
जामों के टकराने की
खनक सुनाई नहीं देती
तब तलक उसे
चैन नहीं मिलता।
ठीक उसी तरह
तुम को भी जब तलक
मील की मशीनों की
आवाज सुनाई नहीं देती
तुम्हें भी चैन नहीं मिलता।
सुन्दर
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