बड़ी लाडली नटखट थी
गोदी में खेला करती थी
उस गोदी को सुनी करके
नई राह पर चली लाडली।
रुनझुन वाला आँगन छोड़ा
पूजा राणा नाम भी छोड़ा
अपना जीवनसाथी चुन कर
नई राह पर चली लाडली।
मन में खुशियों को भर कर
श्वांसों में मधुर मिलन लेकर
आशाओं के दीप जला कर
नई राह पर चली लाडली।
सपनों का एक नीड़ सजाने
प्यार भरा एक जीवन जीने
खुशियों का संसार बसाने
नई राह पर चली लाडली।
नव वर्ष शुभ हो |
ReplyDeleteआपको भी नव वर्ष की ढेर सारी बधाई।
Deleteबहुत ख़ूब
ReplyDeleteRequested to follow my blog too 🙏🙏
धन्यवाद।
Delete