Wednesday, May 11, 2011

प्यार क़ा गीत


 जीवन का
शास्वत सत्य है
संसार में आना और जीना
जीना और चले जाना

\
किसी को
 पहले तो किसी को बाद में
जाना तो सभी को
पड़ता है

लेकिन प्यार
और मोहब्बत बांटने वाले
इस दुनिया में सदा
 अमर रहते हैं

युगों युगों तक
 लोग उनके नामों को
सम्मान के साथ याद
करते हैं

हमारे यहाँ
संतों ने प्यार बाँटा
सूर, तुलसी,रहीम ने प्यार भरे
 गीत गुनगुनाऐ

लैला-मजनू
 हीर-राँझा और 
सोहनी-महिवाल ने
मोहब्बत का गीत गाया

और इसी प्यार
और मोहब्बत के
चलते वे दुनिया में
अमर हो गए।

 आओ 
हम भी अपने आप को
अर्पित कर दे
भविष्य की पीढ़ी को

आने वाली
शान्तिमय संस्कृति को
और सदा के लिए
अमर हो जाए। 


कोलकत्ता
 १० मई , २०११


(यह कविता  "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )

No comments:

Post a Comment