आयशा आज आई आँगन में
ले अनन्त खुशियाँ जीवन में
किलकारी से गूंजा हर कोना
चाँद सा मुखड़ा बड़ा सलोना
नन्ही परी जब से घर आई
खुशियाँ दो परिवारो में छाई
गुनगुन करके वो करती बात
फुल सी आयशा बनी सौगात
नानीजी की गोदी जन्नत बनी
नानाजी की मुस्कान खिली
रुनझुन दादाजी के मन में बसी
नन्ही कली जैसी पलके खुली
दादीजी के आँचल में सिमटेगी
लोरियों की तान में खो जायेगी
मम्मी- पापा की वो होगी प्यारी
सब के सपनों की राजदुलारी
मन की खुशियों को कैसे छुपाऊँ
कैसे आयशा को गोद खिलाऊँ
गोद खिलाने की चाह बहुत है
लेकिन हम तो दूर बहुत है
सदा प्रभु का आशीर्वाद रहेगा
खुशियों से भरा जीवन रहेगा
चाँद सितारे उम्र लिखेंगे
गुलसन में अब फुल खिलेंगे।
#####
No comments:
Post a Comment