जिस समय को हमने
एक दूजे के साथ जिया
जिन्दगी वही थी
भले ही उन लम्हों को
हमने हँसते हुए बिताया
या एक दूजे की बाँहों में जिया
लेकिन जिन्दगी वही थी
भले ही उन क्षणों को
हमने हाथों में हाथ डाले बिताया
या आँखों में आँखें डाले जिया
लेकिन जिन्दगी वही थी
भले ही उस वक्त को
हमने उलझी अलकों को
सुलझाने में बिताया
या एक दूजे के पहलू में जिया
लेकिन जिन्दगी वही थी
उगते सूरज के साथ
चमकते चाँद के साथ
टूटते तारों के साथ
जो पल हमने साथ-साथ जिये
असल में जिन्दगी वही थी।
[ यह कविता "कुछ अनकही ***" में प्रकाशित हो गई है। ]
एक दूजे के साथ जिया
जिन्दगी वही थी
हमने हँसते हुए बिताया
या एक दूजे की बाँहों में जिया
लेकिन जिन्दगी वही थी
भले ही उन क्षणों को
हमने हाथों में हाथ डाले बिताया
या आँखों में आँखें डाले जिया
लेकिन जिन्दगी वही थी
भले ही उस वक्त को
हमने उलझी अलकों को
सुलझाने में बिताया
या एक दूजे के पहलू में जिया
लेकिन जिन्दगी वही थी
उगते सूरज के साथ
चमकते चाँद के साथ
टूटते तारों के साथ
जो पल हमने साथ-साथ जिये
असल में जिन्दगी वही थी।
[ यह कविता "कुछ अनकही ***" में प्रकाशित हो गई है। ]
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