वह चली गई चाँद-सितारों के देश में
अब उसके पास सन्देश नहीं पहुंचेगा।
वह सुनती थी मेरे दुःख -सुख की बातें
हँसी-ख़ुशी जीवन जीया मैंने उसके संग
उसके जाने के बाद नहीं आई खबर
सफर कैसा रहा अब कौन बताएगा।
वह बैठी रहती मैं उसे निहारता रहता
अब मेरा चाँद धरती पर नहीं उतरेगा।
वह सुनती थी मेरे दुःख -सुख की बातें
अब कौन पास बैठ मेरे मन की सुनेगा।
उसका हाथ पकड़ मैं पूरी दुनिया घुमा
अब इस जीवन में कौन मेरा साथ देगा।
अब इस जीवन में कौन मेरा साथ देगा।
हँसी-ख़ुशी जीवन जीया मैंने उसके संग
वह खुशनुमा सफर तो सदा याद रहेगा।
( यह कविता "स्मृति मेघ" में प्रकाशित हो गई है। )
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