Monday, August 25, 2025

प्यार का दीप जला कर चलो

प्यार का दीप जला कर चलो
तम दिशाओं का धूल जायेगा, 
स्नेह का सफर बना कर चलो 
जीवन पथ सहज बन जायेगा।

रंग-रूप का घमण्ड मत करो
कंचन - काया धूल हो जाएगी, 
सच्चे कर्मों की  जोत जलाओ
जीवन सफर में काम आएगी।

प्यार और स्नेह को बाँटते रहो 
दुख -दर्द सारा मिटता जायेगा,
त्याग की गंगा सदा बहाते रहो
हर दिल फूल बनता  जायेगा।

मन को निर्मल सरोवर बनाओ 
लोभ का मैल सब धुल जायेगा,
भक्ति का दीप जला कर चलो
अन्धकार मिटता चला जायेगा। 

No comments:

Post a Comment