Tuesday, September 2, 2025

अब जीवन में ख़ुशी नहीं

आँगन सुना,चौबारा सुना 
बिना तुम्हारे यह घर सुना, 
मन सूना और आँखें सूनी 
मेरा  जीवन  दर्पण सूना। 

जब से तुम बिछुड़ी मुझसे 
दर्द मेरा हमराज बन गया, 
सपनों का संसार खो गया 
सुख सारा नीलाम हो गया। 

कुम्हला गये अरमान मेरे 
जीवन सारा पतझड़ बना,
बिना तुम्हारे मेरा  जीवन 
वीरान एक खँडहर बना।

अब तो केवल स्मृती बची 
फिर मिलने कीआस नहीं,
आँखों में हैं अविरल अश्रु 
अब जीवन में ख़ुशी नहीं।













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