जवानी बीत गई
बुढ़ापा आ गया है अब।
कजरारी आँखों पर
चश्मा लग गया है अब,
काले घुँघराले बाल
सफ़ेद होने लगे हैं अब।
जवानी बीत गई
बुढ़ापा आ गया है अब।
कानों से कम सुनाई देता
दांत टूटने लगे हैं अब,
बढ़ते घुटनों के दर्द से
नींद हराम होने लगी है अब।
जवानी बीत गई
बुढ़ापा आ गया है अब।
रोबिली मस्ती भरी चाल
डगमगाने लगी है अब,
मुस्कराहट भरे गालों पर
झुर्रियां पड़ने लगी है अब।
जवानी बीत गई
बुढ़ापा आ गया है अब।
धुरी पर रहा जीवन
हाशिये पर आ गया है अब,
हमसफ़र बिछुड़ गए
बीते पल याद आते हैं अब।
जवानी बीत गई
बुढ़ापा आ गया है अब।
नहीं बनाओ दूरियाँ
नजदीकियाँ बनाओ अब,
कब थम जाए जीवन सांसे
भरोसा नहीं है अब।
जवानी बीत गई
बुढ़ापा आ गया है अब।