Sunday, February 8, 2015

मेरी जिंदगी में


सूरज की रोशनी बन
तुम जगमगाई
मेरी जिंदगी में

चाँद की चांदनी बन
तुम मुस्कराई
मेरी जिंदगी में

फूलों का सौरभ बन
तुम महकी
मेरी जिंदगी में

सावन की बरखा बन
तुम बरसी
मेरी जिंदगी में

प्यार का गीत गुनगुना
तुम तराना बनी
मेरी जिंदगी में

एक बार लौट आओ
फिर से सारी खुशियाँ
भरने मेरी जिंदगी में।



[ यह कविता 'कुछ अनकही ***"में प्रकाशित हो गई है ]




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