सूरज की रोशनी बन
तुम जगमगाई
मेरी जिंदगी में
चाँद की चांदनी बन
तुम मुस्कराई
मेरी जिंदगी में
फूलों का सौरभ बन
तुम महकी
मेरी जिंदगी में
तुम बरसी
मेरी जिंदगी में
प्यार का गीत गुनगुना
तुम तराना बनी
मेरी जिंदगी में
एक बार लौट आओ
फिर से सारी खुशियाँ
भरने मेरी जिंदगी में।
[ यह कविता 'कुछ अनकही ***"में प्रकाशित हो गई है ]
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