Thursday, November 23, 2017

सुकून भरी तुम्हारी यादें

मेरे ख्यालों में तुम थी
मेरे ख़्वाबों में तुम थी
मेरे परिहास में तुम थी
मेरे समर्पण में तुम थी
सुकून भरी तुम्हारी यादें।

मेरी शायरी में तुम थी
मेरी ग़ज़ल में तुम थी
मेरी सासों में तुम थी
मेरी बातों में तुम थी
सुकून भरी तुम्हारी यादें।

मेरी कल्पना तुम थी
मेरी भावना तुम थी
मेरी मोहब्बत तुम थी
मेरी आराधना तुम थी
सुकून भरी तुम्हारी यादें।

मेरी चाहत तुम थी
मेरी मंजिल तुम थी
मेरी जिंदगी तुम थी
मेरी बंदगी तुम थी
सुकून भरी तुम्हारी यादें।

मेरे दिल का करार तुम थी
मेरी रूह की पुकार तुम थी
मेरी रातों की नींद तुम थी
मेरे दिन का चैन तुम थी
सुकून भरी तुम्हारी यादें।



( यह कविता "स्मृति मेघ" में प्रकाशित हो गई है। ) 




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