Saturday, May 4, 2019

वैधव्य का जीवन

एक दिन
बातों ही बातों में
तुमने कहा -
अब सदा सुहागन का
आशीर्वाद रहने दो 
मैंने पूछा क्यों-
तो तुमने मुझे
हँसकर कहा-
मुझे पता है
तुम मेरे बिना
एक पल भी
नहीं रह पाओगे
इसलिए मुझे
वैधव्य का जीवन जीना पड़े
तो कोई बात नहीं
लेकिन मैं तुम्हें दुःखी
नहीं देखना चाहती।




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