Tuesday, August 25, 2020

तुम तो आज भी मेरे संग हो

तुम मेरी सुबह की अंगड़ाई हो
तुम मेरी चाय का मिठास हो
तुम मेरी छुट्टी की सुबह हो
तुम मेरे होठों की प्यास हो 
तुम आज भी मेरे संग हो।

तुम मेरी बैचेनी का सुकून हो
तुम मेरे दिल की धड़कन हो
 तुम मेरे प्यार की ग़ज़ल हो 
            तुम मेरे संग में परछाईं हो           
तुम आज भी मेरे संग हो।

तुम मेरे लबों की मुस्कान हो 
तुम मेरे दिल का अरमान हो
 तुम मेरी यादों की हिचकी हो 
तुम मेरे सपनों की रानी हो 
तुम आज भी मेरे संग हो।

तुम मेरे जीवन का संगीत हो 
तुम मेरी कविता का छंद हो 
तुम मेरे दिल की आवाज हो
तुम मेरे प्यार की पनाह हो 
तुम तो आज भी मेरे संग हो।



( यह कविता "स्मृति मेघ" में प्रकाशित हो गई है। ) 

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