तुम मेरी सुबह की अंगड़ाई हो
तुम मेरी चाय का मिठास हो
तुम मेरी छुट्टी की सुबह हो
तुम मेरे होठों की प्यास हो
तुम आज भी मेरे संग हो।
तुम मेरी बैचेनी का सुकून हो
तुम मेरे दिल की धड़कन हो
तुम मेरे प्यार की ग़ज़ल हो
तुम मेरे संग में परछाईं हो
तुम आज भी मेरे संग हो।
तुम मेरे लबों की मुस्कान हो
तुम मेरे दिल का अरमान हो
तुम मेरी यादों की हिचकी हो
तुम मेरे सपनों की रानी हो
तुम आज भी मेरे संग हो।
तुम मेरे जीवन का संगीत हो
तुम मेरी कविता का छंद हो
तुम मेरे दिल की आवाज हो
तुम मेरे प्यार की पनाह हो
तुम मेरे प्यार की पनाह हो
तुम तो आज भी मेरे संग हो।
( यह कविता "स्मृति मेघ" में प्रकाशित हो गई है। )
सुन्दर
ReplyDeleteसुंदर
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