जीवन के हर एक पल को
हमें ख़ुशी से जीना है
राहें सीधी हो या टेढ़ी
हँसना है मुस्काना है
संकट तो आते-जाते हैं
इनसे क्या घबराना है
हिम्मत के बल आगे बढ़
जीवन में खुशियाँ लानी हैं
आशाओं के दीप जला कर
रोशन राहें करनी हैं
चाहे जितनी हो बाधायें
हमको चलते जाना है
दुःख जाता है सुख आता है
जीवन का यही तराना है
दिल में यह विश्वास रखें
हार गए तो भी क्या होगा
मन में जय की आश रखें।
सुजानगढ़
७ जून, २०१०
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
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