जिंदगी के राहे-सफर में, तुम मुझे छोड़ चली गई
तुम्हारी प्यार भरी बातें ओ शोख भरी अदाऐं
हिरनी सी आँखों की, आज भी याद आती है।
[ यह कविता "कुछ अनकही ***" में प्रकाशित हो गई है। ]
तुम्हारी प्यार भरी मुस्कान,आज भी याद आती है।
तुम्हारी पायल की रुनझुन, ओ बिच्छियों की खनक कोयल सी मीठी आवाज की, आज भी याद आती है।
तुम्हारा दर्पण सा रुप, ओ चन्दन महकती देह
संगमरमरी बाहों की, आज भी याद आती है।
तुम्हारा अनन्त प्रेम ओ प्यार भरा स्नेह स्पर्श
कंचन सी काया की, आज भी याद आती है।
तुम्हारा अनन्त प्रेम ओ प्यार भरा स्नेह स्पर्श
कंचन सी काया की, आज भी याद आती है।
तुम्हारी पायल की रुनझुन, ओ बिच्छियों की खनक कोयल सी मीठी आवाज की, आज भी याद आती है।
तुम्हारे मेहंदी लगे हाथ, ओ काजल लगे नैन
लहराती जुल्फों की, आज भी याद आती है।
तुम्हारी प्यार भरी बातें ओ शोख भरी अदाऐं
हिरनी सी आँखों की, आज भी याद आती है।
[ यह कविता "कुछ अनकही ***" में प्रकाशित हो गई है। ]
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