प्रभु !
हमें भक्ति दो
हमें शक्ति दो
हमें अपने चरणों में
आसक्ति दो।
शक्ति नहीं हममे इतनी
गुण आपके गा पाए
है अज्ञानी बालक हम सब
प्रभु चरणों में शीश नवाए।
मोह-बंधन की काट बेड़ियां
जीवन पथ आलोकित कर दो
कर पाएं हम दर्शन निश दिन
ऐसी दृस्टि हमें दे दो।
अंतर्मन का हरो अन्धेरा
मन में ज्ञान की गंगा बहादो
कर्तव्य का बोध हमें हो
ऐसा पावन मन बनादो।
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