Thursday, March 19, 2020

एक टुकड़ा रोटी

एक टुकड़ा रोटी
आदमी को कितना
मजबूर कर देता है
घर से बाहर निकलने के लिए
चाहे अमीर हो या गरीब
चाहे सर्दी हो या गर्मी
चाहे वर्षात हो या तूफ़ान
श्रम -परिश्रम के लिए
बाहर निकलना ही होगा
कोरोना वायरस जान लेवा है
घर बहुत सुरक्षित है
फिर भी इन्शान मजबूर है
बाहर निलने के लिए
एक टुकड़ा रोटी के हाथों।


1 comment:

  1. अमीर तो कुछ दिन काम ना करे तो गुजरा कर लेगा लेकिन गरीब को रोज काम करके गुजरा करना है.
    सुंदर रचना.
    मेरी नई रचना- सर्वोपरि?

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