मेरे गांव में
कालू कुम्हार के
घर एक बैल है
बैल सुबह से
शाम तक कोल्हू
चलाता है
वह तब तक
चलाता रहेगा
जब तक वो जिन्दा रहेगा
शहर में
इस बैल का
प्रतिनिधित्व मैं करता हूँ
सुबह से शाम तक
कोल्हू का बैल
बना घूमता रहता हूँ
और
तब तक
घूमता रहूँगा
जब तक ...... .I
No comments:
Post a Comment