Tuesday, February 5, 2013

प्रभु है



प्रभु ही संसार के सृष्टा है,
प्रभु ही आदि और अनन्त है,
प्रभु ही नित्य,सर्वज्ञ और पूर्ण है,
प्रभु ही अचेतन के संचालक है।

मनुष्य कर सकता है निर्माण,
लेकिन नहीं डाल सकता प्राण
प्रभु ही पारालौकिक सर्वोच्य है,
जगत के कण-कण में ब्याप्त है।

 प्रभु को किसी भी नाम से पुकारे
ईश्वर,अल्लाह,वाहे गुरु या गॉड 
नाम अलग-अलग हो सकते है
लेकिन सत्ता उसी की मानते है।

जीवन के अनुपम अवलोम्य
पारलौकिक तथ्य और प्रमाण 
जीवन मृत्यु के वृतान्त सभी
प्रभु शक्ति के ही तो प्रमाण है।

जीवन और मृत्यु से परे
 -ऐकोSहम द्वितियोनास्ती"
जगत और जीवात्मा के
सम्बन्ध  का प्रमाण है।




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