जीवसोरो (राजस्थानी)
लखदाद
देणी पड़सी
लोग किया
बोल ज्यावै
सरासर झूठ।
पूरी लूण
की पो देवै
सोच जे
सामलो समझै
थोड़ो ही है।
एकर तो
मन में आवै
के करद्यु चौड़े
सारे झूठ ने
खोलद्यु सारी पोल।
फैर सौचु
सामलो इतो
आतम बिसवास
स्यूं बोल्यो है
क्यूँ पाणी उतारूँ।
बात ने
ढकेड़ी-ढुमेड़ी ही
रहण द्यूं
ढकेड़ी चीज
लागै भी सौवणी।
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