पिट्टसबर्ग का
पतझड़ भी बड़ा
सुहावना होता है
पतझड़ लगते ही
पेड़-पौधो के पत्तो का
रंग बदलने लगता है
लाल,गुलाबी,पीले
बेंगनी आदि रंगों में
पेड़ बहुत सुन्दर लगते है
जमीन पर गिरते
रंगीन पत्ते धरती को
एक नया परिधान देते है
दूर-दूर से लोग
प्रकृति के इस सुन्दर
नज़ारे को देखने आते है
पतझड़ के मौसम
में भी ढेर सारी खुशियाँ
बटोर कर साथ ले जाते है
काश। हम भी
इन पेड़-पौधों से
सीख ले पाते
सीख ले पाते
अपनी जिन्दगी से
थोड़े से प्यार के रंग दूसरो की
जिन्दगी में दे पाते ।
[ यह कविता "एक नया सफर" में प्रकाशित हो गई है। ]
[ यह कविता "एक नया सफर" में प्रकाशित हो गई है। ]
No comments:
Post a Comment