अपने देश में खेली होली।
मस्ती के संग करी ठिठोली।।
अमेरिका में यह पहली होली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
बर्फ रोज यहाँ गिरती रहती।
नहीं खिलते यहाँ रंग बसन्ती।।
कैसे भीगे यहाँ चुन्दड़ चोली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
फागुन के नहीं रंग चमकते।
नहीं चंगों के शोर खड़कते।।
नही चहरो पर अक्षत रोली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
पिचकारी की फुहार नहीं है।
फागुन होली गीत नहीं है।।
दिल में हूक उठाती होली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
मीठी खुशबु पकवानों की।
गुजिय, मठरी ,दही बड़े की।।
घर की याद कराती होली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
अमेरिका में यह पहली होली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
बर्फ रोज यहाँ गिरती रहती।
नहीं खिलते यहाँ रंग बसन्ती।।
कैसे भीगे यहाँ चुन्दड़ चोली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
फागुन के नहीं रंग चमकते।
नहीं चंगों के शोर खड़कते।।
नही चहरो पर अक्षत रोली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
पिचकारी की फुहार नहीं है।
फागुन होली गीत नहीं है।।
दिल में हूक उठाती होली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
मीठी खुशबु पकवानों की।
गुजिय, मठरी ,दही बड़े की।।
घर की याद कराती होली।
कैसे खेले यहाँ हम होली।।
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