Tuesday, March 19, 2013

घर वह होता है

घर वह होता है
जहाँ सुबह पाँव छूने पर
बुजर्गो से आशीर्वाद मिले।


घर वह होता है
जहाँ गलतियों पर पिता की
प्यार भरी झिड़की मिले।


घर वह होता है
जहाँ बहु को सास की दुलार
भरी फटकार सुनने को मिले।


घर वह होता है
जहाँ ननद-भाभी की तकरार
और मनुहार सुनने को मिले।


घर वह होता है
जहाँ देवर-भाभी का मीठा
परिहास सुनने को मिले।


घर वह होता है
जहाँ बच्चो की धमा-चौकड़ी
किलकारियाँ सुनने को मिले।


घर वह होता है
जहाँ माँ का बनाया खाना
भाइयों के साथ खाने को मिले।


घर वह होता है
जहाँ देवरानी-जिठानियों  में
बहनों जैसा प्यार देखने को मिले।


घर वह होता है
जहाँ भाई-बहनों का प्यार गंगा
की लहरों की तरह बहता मिले।


मकान तो हमने
बहुत सुन्दर-सुन्दर बना लिए
अब प्रयाश करे एक ऐसा घर मिले।








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