होली की बहार
रंगों की डोली !
छलक- छलक
ढलक-ढलक
जाए रे।
भंग के जाम !
लपक-लपक
गटक-गटक
लड़खडाये रे।
घुंघरू छनके !
छमक-छमक
थिरक-थिरक
ठुमका लगाए रे।
ढप की थाप !
तक धिन-धिन
तान सुनाए
रंग जमाये रे।
गुलाल !
गालो पर रंग
आँखों में शरारत
होली की मस्ती रे।
पिचकारी !
रंग भर मारी
भीगी चुनरिया
जी भर खेली रे।
No comments:
Post a Comment