Friday, March 8, 2013

होली की बहार




  रंगों की डोली !
छलक- छलक
ढलक-ढलक
जाए रे।


 भंग के जाम !
लपक-लपक
गटक-गटक
लड़खडाये रे।


 घुंघरू छनके !
 छमक-छमक  
थिरक-थिरक
ठुमका लगाए रे।


ढप की थाप !
तक धिन-धिन
तान सुनाए
रंग जमाये रे।


  गुलाल !
गालो पर रंग 
आँखों में शरारत
  होली की मस्ती रे।


पिचकारी !
रंग भर मारी 
भीगी चुनरिया 
जी भर खेली रे। 
















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