परम्परानुसार नया मंत्री शपथ
ग्रहण के बाद प्रधान मंत्री जी* से
आशीर्वाद लेने जाता है
प्रधान मंत्री जी उसे अर्थशास्त्र का
ज्ञान देते हुए जीवन में
अर्थ का महत्त्व बताते हैं
कुर्सी आज तुम्हारे पास है
कल नहीं भी रहे लेकिन अर्थ
जीवन में हर पल साथ देता है
इसलिए कुर्सी रहते हुए
अर्थ का आदर करना सीखो
मौका बार-बार नहीं मिलता है
मत्री अपने कार्यकाल में
प्रधान मंत्री जी की सलाह को
तहे दिल से पालन करता है
कम से कम समय में
बड़े से बड़े घोटालो को अंजाम देता है
अर्थ की व्यवस्था करता है
एक-एक घोटाला अरबो में करता है
आठ-दस पीढ़ी तक का इंतजाम
एक बार में कर लेता है
पकड़े जाने पर
विपक्ष और न्यायलय के दबाव में
मंत्री को हटा दिया जाता है
परम्परानुसार नया मंत्री शपथ ------
*हमारे प्रधान मंत्रीजी एक अच्छे अर्थशास्त्री है ,यह कविता व्यगं मे लिखी गयी है।
[ यह कविता "एक नया सफर " पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
ग्रहण के बाद प्रधान मंत्री जी* से
आशीर्वाद लेने जाता है
प्रधान मंत्री जी उसे अर्थशास्त्र का
ज्ञान देते हुए जीवन में
अर्थ का महत्त्व बताते हैं
कुर्सी आज तुम्हारे पास है
कल नहीं भी रहे लेकिन अर्थ
जीवन में हर पल साथ देता है
इसलिए कुर्सी रहते हुए
अर्थ का आदर करना सीखो
मौका बार-बार नहीं मिलता है
मत्री अपने कार्यकाल में
प्रधान मंत्री जी की सलाह को
तहे दिल से पालन करता है
कम से कम समय में
बड़े से बड़े घोटालो को अंजाम देता है
अर्थ की व्यवस्था करता है
एक-एक घोटाला अरबो में करता है
आठ-दस पीढ़ी तक का इंतजाम
एक बार में कर लेता है
पकड़े जाने पर
विपक्ष और न्यायलय के दबाव में
मंत्री को हटा दिया जाता है
परम्परानुसार नया मंत्री शपथ ------
*हमारे प्रधान मंत्रीजी एक अच्छे अर्थशास्त्री है ,यह कविता व्यगं मे लिखी गयी है।
[ यह कविता "एक नया सफर " पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
No comments:
Post a Comment