नौ महीने की हुई आयशा
खाटू-सालासर धाम गयी
बाला जी को बाल चढ़ाये
जय कन्हैया लाल की
आयशा बड़े कमाल की
रात-रात भर गरबा देखे
थकने की कोई बात नहीं
हाथों में लेकर के डंडिया
सबके साथ धमाल की
आयशा बड़े कमाल की
घूम-घूम कर पूजा देखी
गली-मुहल्ले पंडाल की
तारों सी चमकाए आँखे
देख चमक पंडाल की
आयशा बड़े कमाल की
पुरे घर में धूम मचाए
चिमट्टी बड़े कमाल की
किचन में जब भी जाए
शामत आती थाल की
आयशा बड़े कमाल की
वैष्णो देवी के दर्शन कर
कश्मीर घूमने चली गयी
मम्मी संग घोड़े पर बैठी
नहीं पसंद अब पालकी
मम्मी संग घोड़े पर बैठी
नहीं पसंद अब पालकी
आयशा बड़े कमाल की।
आयशा अपने नानाजी एवं मामाजी के संग माता वैष्णो देवी के दर्शनार्थ।