सुन तू ज्यादा कमती बोल,
वरना खोलेगा अपनी पोल।
दया-धर्म की गठरी खोल,
आया बुढ़ापा आँखे खोल।
मन की बात को पहले तोल,
फिर उसको तु मुख से बोल।
छल-कपट को मन से छोड़,
सबसे मीठी वाणी बोल।
दुनियां को क्यों देता दोष,
जो कहना है प्रभु से बोल।
जो कहना है प्रभु से बोल।
जो बिछुड़ा वो फिर ना मिला
फिर भी कहते दुनिया गोल।
फिर भी कहते दुनिया गोल।
झंझट तुम क्यों लेता मोल,
सब की हाँ में, हाँ तू बोल।
लोग प्रसंशा सुननी चाहते,
तू भी सबको वैसा ही बोल।
प्रेरक ,सदेश्युक्त लेखन |
ReplyDeleteएक शेर हैं -
Apne Mann Mein Doob Kar Pa Ja Suragh-E-Zindagi
Tu Agar Mera Nahin Banta Na Bann, Apna To Bann
“अजेय-असीम{Unlimited Potential}”
बहुत खूब
Deleteवाह...
ReplyDeleteबिछुड़ गया वो फिर ना मिला,
हम सब कहते दुनिया गोल।
बहुत बढ़िया!!!
अनु
आपका स्वागत
Deleteआपका आभार
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