बच्चे एक-एक कर
घर से बाहर निकल रहे हैं
अपना भविष्य संवारने
अच्छे कॉलेजों में पढाई करने।
दो साल हो गए
अभिषेक को वैलोर गए
एक बार मिला था
पिछले दो सालों में।
पूजा अमेरिका जा रही है
बारहवीं पास कर के
अभी उमर ही क्या है
केवल सत्रह साल।
गौरव और राधिका को
आज बैंगलोर जा रहें हैं
कहते हैं वहाँ पढ़ाई अच्छी है।
सारे बच्चे बिछुड़ रहे हैं
अब वो नहीं खेलेंगे मेरे साथ
नहीं पूछेंगे आकर
मुझ से कोई बात।
उनकी स्मृतियाँ मन में संजोए
मेरी उँगलियाँ चलती रहेगी
घर से बाहर निकल रहे हैं
अपना भविष्य संवारने
अच्छे कॉलेजों में पढाई करने।
दो साल हो गए
अभिषेक को वैलोर गए
एक बार मिला था
पिछले दो सालों में।
पूजा अमेरिका जा रही है
बारहवीं पास कर के
अभी उमर ही क्या है
केवल सत्रह साल।
गौरव और राधिका को
आज बैंगलोर जा रहें हैं
कहते हैं वहाँ पढ़ाई अच्छी है।
सारे बच्चे बिछुड़ रहे हैं
अब वो नहीं खेलेंगे मेरे साथ
नहीं पूछेंगे आकर
मुझ से कोई बात।
उनकी स्मृतियाँ मन में संजोए
मेरी उँगलियाँ चलती रहेगी
कंप्यूटर की "की बोर्ड" पर
आँखें जमी रहेगी स्क्रीन पर।
आँखें जमी रहेगी स्क्रीन पर।
कोई चुपचाप आ कर
रख जाएगा मेरी बगल में
एक चाय की प्याली
एक चाय की प्याली
या कॉफी का मैग।
( यह कविता "स्मृति मेघ" में प्रकाशित हो गई है। )
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