Friday, August 4, 2017

दो कविता

मन समझता है

एक सुबह
उस दिन हुयी थी
जब तुम मेरे साथ थी

और एक सुबह
आज हुयी है जब
तुम मेरे साथ नहीं हो

मेरा मन समझता है
दोनों में कितना
अन्तर है।


 तुम जो साथ नहीं हो

जब तक तुम मेरे साथ थी
मुझे नदी, नाले
पहाड़, उमड़ते बादल
हरे-भरे खेत और
खलिहान
सभी बहुत अच्छे लगते थे

अच्छे तो वो आज भी है 
लेकिन अब अकेले में
मुझे यह सब
अच्छे नहीं लगते।


No comments:

Post a Comment