तुम्हारी यादें
हर मौसम के संग
वीराने में जैसे बहार हो आई
तुम्हारी याद ताजा हो आई।
हर रोज देती हैं मुझे
बासंती भोर की ताजगी
पहली बारिश की सुवाश
पूस की रात सी ठंडक
अश्विन के दिन सी धुप
जेठ की दुपहरी सी गरमी
शरद के बादलों सी नरमी
पूनम की चांदनी सी चमक
गुलाब के फूलों सी महक हर मौसम के संग
वीराने में जैसे बहार हो आई
तुम्हारी याद ताजा हो आई।
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