Tuesday, December 24, 2019

पोती की विदाई

पोती को विदा करने के बाद
जब मैं उसके कमरे में गया
तो देखा कुछ सूखे फूल
इधर-उधर बिखरे पड़े थे

इतने में उसके भाई की
आवाज आई -
दीदी का पीछे कुछ
रह तो नहीं गया है ?

मैंने मन में सोचा
दीदी लेकर ही क्या गई है
सभी कुछ तो यहीं छोड़ गई है

२५ साल तक लाड -प्यार से
जिस नाम से आवाज देते थे
वह नाम तक तो यहीं छोड़ कर गई है

उसके नाम के आगे
गर्व से जो "राणा" लगाता था
वो भी तो यही रह गया है

वो क्या लेकर गई है
सभी कुछ तो यहीं छोड़ कर
चली गई है।



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