दिल्ली फिर दहला
हाई कोर्ट के गेट पर
बम्ब ब्लास्ट हुवा
खून का तालाब जमा
लाशों का मंजर लगा
आतंकवाद का
नंगा नाच हुवा
सरकार ने
शवों की कीमत
विकलांगों की
दो लाख लगाईं
कोई नेता या
उसका रिश्तेदार
नहीं मरा
जो भी कोई मरा
आम आदमी
ही मरा
शवों की कीमत
आम आदमी की ही
लगाई जाती है
नेताओं के शवों
पर तो मालाएं
चढ़ाई जाती है।
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
हाई कोर्ट के गेट पर
बम्ब ब्लास्ट हुवा
खून का तालाब जमा
लाशों का मंजर लगा
आतंकवाद का
नंगा नाच हुवा
सरकार ने
शवों की कीमत
पांच लाख लगाई
स्थाई तौर पर विकलांगों की
दो लाख लगाईं
कोई नेता या
उसका रिश्तेदार
नहीं मरा
जो भी कोई मरा
आम आदमी
ही मरा
शवों की कीमत
आम आदमी की ही
लगाई जाती है
नेताओं के शवों
पर तो मालाएं
चढ़ाई जाती है।
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
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