जो कानून से नहीं डरे
बड़े से बड़े घोटाले करे
भ्रस्टाचार में नाम करे
चोरी स्मगलिंग सब करे
जब कोई ऐसे काम करे
तब जाकर नेता बने
जातिवाद का शंख बजाऐ
क्षैत्रवाद का भूत जगाऐ
सम्प्रदायों को भड़का कर
दंगा और फसाद कराऐ
जब कोई ऐसे काम करे
तब जाकर नेता बने
सरकारी धन का गबन करे
रिश्वत खाये बेईमानी करे
जेल में जाकर अनशन करे
बाहर निकल भाषण करे
जब कोई ऐसे काम करे
तब जाकर नेता बने
श्रमिको के संगठन बनाये
कारखानों को बंद कराये
रेले रोके बसे जलाए
तोड़-फोड़ और आग लगाए
जब कोई ऐसे काम करे
तब जाकर नेता बने
जनता में दशहत फैलाए
चुनावों में फर्जी वोट डलाए
असली वोटर जब भी आए
उन्हें मार कर दूर भगाए
जब कोई ऐसे काम करे
तब जाकर नेता बने
[ यह कविता "एक नया सफर " पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
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