Monday, April 29, 2013

पिट्सबर्ग तुम याद आवोगे

मुझे  पिट्टस बर्ग  अच्छा लगा 
गिरते बर्फ के फोहों के बीच भी
मुझे सुखद आभास होने लगा
पश्चिम की संस्कृति को देखने 
समझने का अवसर भी मिला
कुछ नया देख कर अच्छा लगा

अच्छा लगा रास्ते चलते 
मुस्करा कर हाय कहना और 
थैंक्स बोलकर आभार प्रकट करना

सड़क पर पैदल चलते यात्रियों को 
गाडी रोक कर रास्ता पार कराना 
बूढ़े और अपाहिजों को पहल देना 


अच्छा लगा साईड वाक पर दौड़ना
जिम में जा कर ब्यायाम करना
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना

मेहनत और सच्चाई से सुखपूर्वक
आनंदमय जीवन यापन करना 
यथासंभव दूसरों की सहायता करना

लेकिन कुछ बुरा भी लगा 
तुलना कर देखा तो मेरा देश
एक पायदान ऊपर  लगा 


लेकिन कुछ भी हो पिट्स बर्ग
मेरी यादो में हमेशा बसा रहेगा
 मुझे याद तो आता ही रहेगा।



[ यह कविता "एक नया सफर " पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]

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