जीवन भी
धूप-छांव कि तरह
कितने रंग बदलता है
कभी सुख
तो कभी दुःख
कभी ग़म तो कभी ख़ुशी
कभी दोस्त
तो कभी अजनबी
कभी सुदिन तो कभी दुर्दिन
नदी की तरह बहता है जीवन
पुराने बिछुड़ते रहते है
नए मिलते रहते है
जो आज हमारा है
कल किसी और का हो जाता है
सब कुछ बदलता चला जाता है
रह जाती है केवल चंद यादे
वो यादें जो जीवन के अंत तक
साथ निभाती है।
[ यह कविता "एक नया सफर" में प्रकाशित हो गई है। ]
धूप-छांव कि तरह
कितने रंग बदलता है
कभी सुख
तो कभी दुःख
कभी ग़म तो कभी ख़ुशी
कभी दोस्त
तो कभी अजनबी
कभी सुदिन तो कभी दुर्दिन
नदी की तरह बहता है जीवन
पुराने बिछुड़ते रहते है
नए मिलते रहते है
जो आज हमारा है
कल किसी और का हो जाता है
सब कुछ बदलता चला जाता है
रह जाती है केवल चंद यादे
वो यादें जो जीवन के अंत तक
साथ निभाती है।
[ यह कविता "एक नया सफर" में प्रकाशित हो गई है। ]
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
दीप पर्व आपको सपरिवार शुभ हो !
आपका स्वागत यशवंत जी , दीपावली ढेर सारी शुभकामनाये आप और आपके परिवार को
Deleteकल 06/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
ReplyDeleteजो आज तुम्हारा है
कल किसी और का हो जाता है
सब कुछ बदलता चला जाता है।
बढ़िया पंक्तियाँ |
उम्दा रचना के लिए बधाई |
दीपावली शुभ और मंगलमय हो |
बहुत बहुत धन्यवाद आशाजी I आपको भी दीपावली कि ढेर सारी शुभकामनायें I
ReplyDeletebahut sundar
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