तुम्हारे साथ साथ
चलती है मेरी
खुशियों की सीमा
तुम चलते-चलते
जहाँ पहुँच कर
रुक जाती हो
वहीँ पर रुक जाती है
मेरी खुशियों की सीमा
तुम पीछे मुड़ कर
जहाँ तक देखती हो
वहीँ तक होती है
मेरी खुशियों की सीमा
तुमसे शुरू हो कर
तुम्हीं पर ख़त्म होती है
मेरी खुशियों की सीमा।
[ यह कविता "एक नया सफर " पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
चलती है मेरी
खुशियों की सीमा
तुम चलते-चलते
जहाँ पहुँच कर
रुक जाती हो
वहीँ पर रुक जाती है
मेरी खुशियों की सीमा
तुम पीछे मुड़ कर
जहाँ तक देखती हो
वहीँ तक होती है
मेरी खुशियों की सीमा
तुमसे शुरू हो कर
तुम्हीं पर ख़त्म होती है
मेरी खुशियों की सीमा।
[ यह कविता "एक नया सफर " पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
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