कंकरीट के जंगलों में
प्रदूषण भरे शहरों में
गंधाती संकरी गलियों में
क्या कभी बसंत आएगा ?
नजदीकी उद्यान में
कोठी के लॉन में
खुले मैदानों में
क्या कभी बसंत मुस्करायेगा ?
महानगरों में बसंत अब
गुजरे जमाने की बात
हो जाने की राह पर है
अब केवल
बसंत पंचमी के दिन
दूरदर्शन के चैनल पर
आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम में
समाचार पत्रों के विशेष स्तम्भ में या
काब्य सम्मेलनों के मंच पर
थोड़े समय के लिए
महानगरों में बसंत आएगा।
प्रदूषण भरे शहरों में
गंधाती संकरी गलियों में
क्या कभी बसंत आएगा ?
नजदीकी उद्यान में
कोठी के लॉन में
खुले मैदानों में
क्या कभी बसंत मुस्करायेगा ?
महानगरों में बसंत अब
गुजरे जमाने की बात
हो जाने की राह पर है
अब केवल
बसंत पंचमी के दिन
दूरदर्शन के चैनल पर
आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम में
समाचार पत्रों के विशेष स्तम्भ में या
काब्य सम्मेलनों के मंच पर
थोड़े समय के लिए
महानगरों में बसंत आएगा।
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