धन-दौलत का घमंड ठीक नहीं
आज है कल का कोई ठीक नहीं
दो-चार दिन की इस जिंदगी में
किसी को दुःख देना ठीक नहीं।
संतोषी सदा सुखी रहा करता है
सदा सुख की नींद सोया करता है
उल्लास आनद भी तभी मिलता है
जब मन में संतोष रहा करता है।
आज है कल का कोई ठीक नहीं
दो-चार दिन की इस जिंदगी में
किसी को दुःख देना ठीक नहीं।
संतोषी सदा सुखी रहा करता है
सदा सुख की नींद सोया करता है
उल्लास आनद भी तभी मिलता है
जब मन में संतोष रहा करता है।
आपकी लिखी रचना, "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 18 जनवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
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