माँ रोज रात को
चूल्हे में अंगारों को
दबा कर रखती थी
ताकि अगली सुबह
वो उनसे चूल्हा जला सके
माँ मुँह अँधेरे उठ कर
राख के ढेर में छुपी
चिनगी को तलाशती
चिनगी को तलाशती
छोटी-छोटी लकड़ियां
उसके ऊपर रखती और
थोड़ी ही देर में धुऐं की
पताका फहरा देती
माँ कहा करती
घर के चूल्हे में अग्नि
रहनी चाहिए
अग्नि का रहना शुभ होता है।
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