Thursday, April 1, 2021

स्मृति मेघ

छा रहे हैं स्मृति मेघ 
       मेरे मन-पटल पर
             भूल पाना है कठिन 
                    एक पल भी भूल कर। 


आज भी खुशियाँ बिखेरे 
        प्रिय ! स्मृति मेघ तुम्हारे 
             खुशियों के फूल खिलाये
                   जीवन की राहों पर मेरे। 

तेरे गीतों की सरगम पर 
     मैंने यह साज उठाया है
              तेरी यादों के साये में 
                   ये स्मृति मेघ रचाया है।  

इन स्मृति मेघ के छन्दों में
      बस याद तुम्हारी बनी रहे
           मेरे मन की सीमाओं पर 
               तेरी ही प्रिये! पहचान रहे।


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2 comments:

  1. Replies
    1. धन्यवाद मीना जी। मेरी नयी कविताओं की पुस्तक का नाम स्मृति मेघ है। उसी के लिए यह कविता लिखी थी। पुस्तक अभी प्रेस में है।

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