अगर तुमने मुझे इतना प्यार नहीं किया होता
तो आज मेरी आँखों से अश्रु-जल नहीं बहता।
अगर तुम्हारा हाथ सदा मेरे हाथ में रहता
तो मेरा जीवन इतना बेसहारा नहीं होता।
अगर तुमने ढलती उम्र में मेरा साथ दिया होता
तो आज मुझे दुःख का दिन नहीं देखना पड़ता।
तो आज मुझे दुःख का दिन नहीं देखना पड़ता।
अगर जाते समय तुमने मुझे कह दिया होता तो तुम्हारे जाने का इतना गम मुझे नहीं होता।
अगर मैं तुम्हारी सूरत आँखों से निकाल पाता
तो मुझे भी तुम्हारे जाने पर सब्र आ गया होता।
अगर तुम्हारी रवानगी किसी तरह टाल देता
तो आज मेरा जीवन इतना तनहा नहीं होता।
[ यह कविता "कुछ अनकहीं " में छप गई है।]
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