मृत्यु उस दिन
एक ममतामयी माँ
की तरह आई थी
उसने बड़े प्यार से
तुम्हें अपने अंक
लगाया था
स्नेह के साथ
तुम्हारे सिर को
सहलाया था
धीरे-धीरे थपकी देकर
तुम्हें सदा के लिए
सुला दिया था
हम कुछ समझ पाते
तुम्हारा आगे का सफर
शुरू हो गया था
हे मृत्यु जननी!
स्वागत तुम्हारा
जब भी तुम आओ
इसी तरह से आना
प्यार की थपकी देकर
अपने अंक लगाना
अंगुली पकड़
संग ले जाना।
एक ममतामयी माँ
की तरह आई थी
उसने बड़े प्यार से
तुम्हें अपने अंक
लगाया था
स्नेह के साथ
तुम्हारे सिर को
सहलाया था
धीरे-धीरे थपकी देकर
तुम्हें सदा के लिए
सुला दिया था
हम कुछ समझ पाते
तुम्हारा आगे का सफर
शुरू हो गया था
हे मृत्यु जननी!
स्वागत तुम्हारा
जब भी तुम आओ
इसी तरह से आना
प्यार की थपकी देकर
अपने अंक लगाना
अंगुली पकड़
संग ले जाना।
खुदा ने हर एक के लिए ये सजा बनाई है
ReplyDeleteजिन्दगी जी है तो मृत्यु से गुजरना पड़ेगा.
धन्यवाद आपका। जीवन है तो मृत्यु है, यह तो प्रकृति का अटल नियम है।
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