सदभाव बढ़ावां आपस रो, हेत-प्रेम से रेवांला
धुप खिले हर आंगण मं, ऐसो सूरज ल्यावांला।
सगळा धरमा ने गले लगा, गीत हेत रा गांवाला
विश्व बन्धुत्व फैलावाला, भारत रो मान बढ़ावाला।
साधू-संता री धरती पर, धर्म-ध्वजा फैरावांला
शुर-वीरां री धरती पर, वीरां रो मान बढ़ावांला।
गांव-गांव, ढाणी-ढाणी, आखर अलख जगावांल
साफ़ सफाई राखाळा, धरती ने स्वर्ग बणावांला।
सगळा हाथा ने काम मिलै, ऐसी जुगत बणावांला
सगळा हाथा ने काम मिलै, ऐसी जुगत बणावांला
दिन में ईद, रात दीवाली, हर घर मायं मनावांला।
ऊँच-नींच अर जात-पाँत ने, मिल कर दूर भगावांला
टाबरियां न पढ़ा - लिखा, मिनखां में मान बढ़ावांला।
सगळा ने मुफ्त इलाज़ मिलै, ऐसी तजबीज बिठावालां
सगळा ने मुफ्त इलाज़ मिलै, ऐसी तजबीज बिठावालां
सोने री चिड़िया भारत ने, अब पाछो सम्मान दिरावांला।
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