मेरे जीवन का ख्व्वाब टूट गया
मेरे दिल का गुलशन सुख गया
मेरे जीवन साथी तुम बिछुड़ गए
मेरे ख़्वाबों का चमन उजड़ गया।
मेरी खुशियों का सूरज डूब गया
मेरी बहारों का मौसम गुजर गया
मेरे हमसफ़र तुम ओज़ल हो गए
मेरे ख़्वाबों का चमन उजड़ गया।
मेरी मुहब्बत का चिराग बुझ गया
मेरी आशाओं का महल ढह गया
मेरे हमराही तुम वादा तोड़ गए
मेरे ख़्वाबों का चमन उजड़ गया।
मेरा मधुमयी मधुमास बीत गया
मेरा जीवन गागर रीत गया
मेरे मधुबन के पाहुन तुम चले गए
मेरे ख़्वाबों का चमन उजड़ गया।
[ यह कविता "कुछ अनकही ***" पुस्तक में प्रकाशित हो गई है ]
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